समाज में स्त्रियों की स्थिति अच्छी थी। इस समय समाज में ‘विधवा विवाह’, ‘नियोग प्रथा’ तथा ‘पुनर्विवाह’ का प्रचलन था लेकिन ‘पर्दा प्रथा’, ‘बाल-विवाह’ तथा ‘सती-प्रथा’ प्रचलित नहीं थी। समाज में वर्ण व्यवस्था कर्म पर आधारित थी। ऋग्वेद के दसवें मण्डल के ‘पुरुष सूक्त’ में चार वर्णो; ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, https://israelmwcxx.wikijm.com/1655456/indicators_on_प_स_कम_न_क_तर_क_you_should_know