व्याख्या – देवता, दानव और मनुष्य तीनों ही आपके तेज को सहन करने में असमर्थ हैं। आपकी भयंकर गर्जना से तीनों लोक काँपने लगते हैं। सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८॥ चारों जुग परताप तुह्मारा । chhūtahi ChhūtahiFreed / eradicated bandiBandiShackles / bondage mahāsukha MahāsukhaGreat joy / bliss HoiHoiBe / https://larryr406poo1.wikicorrespondent.com/user