कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥ जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥ ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa